ऊँ नमः शिवाय।
राधे राधे दोस्तो मैं आचार्य दयानन्द आप सभी लोगो का अपने इस ब्लॉग पर स्वागत करता हूं.ईश्वर से कामना करता हूं आप सब लोग खुश होंगे सुखी होंगे संपन्न होंगे…..
हमारे पुराणों में हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि पर यह ग्रहण लगेगा।इसी दिन शनि अमावस्या का त्योहार भी मनाया जाएगा।मान्यता यह है कि जब भी अमावस्या की तिथि शनिवार के आती है इसे शनि अमावस्या कहा जाता है।
सूर्य ग्रहण का समय:-
भारतीय समय के अनुसार 04 दिसंबर 2021 को सूर्य ग्रहण सुबह 11 बजे शुरू हो जाएगा। दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पर ग्रहण खत्म हो जाएगा।
सूर्य ग्रहण का महत्व:-
यह साल का दूसरा और अंतिम सूर्यग्रहण होगा।तथा हमारे हिंदू पंचांग की ज्योतिषीय गणना के आधार पर यह सूर्यग्रहण विक्रम संवत 2078 के कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा।
कहां दिखेगा लगने वाला सूर्य ग्रहण:-
भारत में इस सूर्यग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा।तथा भारत के अलावा अन्य देशों में यह सूर्य ग्रहण लगेगा जिसमें अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका में देखा जा सकेगा।
सूतक काल भारत में मान्य होगा या नहीं:-
भारत में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा इस कारण से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। शास्त्रों के अनुसार जब भी ग्रहण का प्रभाव जिस क्षेत्र में होता है वहां पर सूर्य ग्रहण के लगने से 12 घंटे पहले ही सूरक काल लग जाता है।ग्रहण पर सूतक काल के प्रभावी होने पर किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाना चाहिए।
ग्रहण के समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए:-
ग्रहण के दौरान भोजन न पकाना चाहिए और न ही खाना चाहिए।
तथा भगवान की पूजा-आराधना और तुलसी के पौधे व उसके पत्तों को नहीं छूना चाहिए।ग्रहण काल लगने पर घर से बाहर नहीं जाना चाहिए और न ही घर पर सोना चाहिए।तथा ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।तथा ग्रहण काल में चाकू और सूई का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
ग्रहण काल के समय जाप किया जाने वाले मंत्र तथा उपाय:-
1.ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय
जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।
इस मंत्र के जाप से ग्रहण के दौरान व्यक्ति पर पड़ने वाली नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। इसके जप से आप अपने शत्रुओं पर विजय पा सकते हैं। अगर शत्रु का दमन करना चाहते हैं तो सूर्य ग्रहण के दौरान इस मंत्र का एक माला जरूर जाप करें।
2.ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये
प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।
इस मंत्र के जाप से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। ऐसे में ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जरूर जाप करें। इस मंत्र के पुण्य फल से धन की प्राप्ति होती है।
3.“विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥
यह मंत्र बुरी शक्तियों का नाश करने वाला है। इस मंत्र में ईश्वर से ग्रहण काल से रक्षा करने की याचना की जाती है। अतः सूर्य ग्रहण के समय इस मंत्र का जरूर जाप करें।
4.तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।
हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥
इस मंत्र में राहु और केतु का आह्वान किया जाता है और उनसे शांति प्रदान करने की कामना की जाती है। चूंकि ग्रहण काल में राहु-केतु का प्रकोप रहता है। अतः इस मंत्र का जरूर जाप करें। कहते हैं कि अगर राशि में राहु-केतु की बुरी दृष्टि पर जाए तो उसके जीवन में अस्थिरता आ जाती है।
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इसी जानकारी के साथ में आचार्य दयानन्द आज के अपने इस विषय को अभी विराम देता हूं.तथा कामना करता हूं .की आप सब लोगो को मेरी यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी। जय श्री कृष्णा…..
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