बुध ग्रह का वक्री प्रभाव

बुध ग्रह का वक्री प्रभाव

ऊँ नमः शिवाय।
राधे राधे दोस्तो मैं आचार्य दयानन्द आप सभी लोगो का अपने इस ब्लॉग पर स्वागत करता हूं.ईश्वर से कामना करता हूं आप सब लोग खुश होंगे सुखी होंगे संपन्न होंगे…..

दोस्तों आज मैं आपको अपनी इस ब्लॉक में बुध वक्री के विषय में बताने जा रहा हूं.

बुध को किसी भी जातक के जीवन में संवाद, तर्क, गणित, चतुरता और बुद्धि का कारक माना जाता है। साथ ही बुध को संवाद, व्यापार और वाणिज्य का भी कारक माना जाता है.जब बुध किसी जातक की कुंडली में मजबूत होता है तो जातक को अच्छी तार्किक शक्ति और संवाद कौशल प्रदान करता है.

बुध वक्री का समय:-

धनु राशि में बुध वक्री अवस्था में ही 31 दिसम्बर को प्रवेश करेंगे और 18 जनवरी 2023 को मार्गी होकर 7 फरवरी को मकर राशि में प्रवेश करेंगे।

बुध ग्रह के राशि परिवर्तन से हमारे जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव:-

1.बुध का गोचर होना व्यापारिक वर्ग के लोगों के लिए काफी अनुकूल  रहेगा. तथा उनको अपने मेहनत का अच्छा परिणाम मिल सकेगा. 

2.बुध का गोचर विवाह संबंधित कार्यों के लिए भी काफी अनुकूल रहेगा अगर कोई भी विवाह संबंधित कार्य अटके हुए चल रहे हैं तो सारी बाधाएं दूर हो सकेंगी.

3.बुध का गोचर संतान संबंधित मामलों के लिए भी अच्छा रहेगा तथा संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं दूर होगी.

4.बुध का गोचर छात्रों के लिए भी अच्छा परिणाम लेकर के आ सकता है उनके अपने मेहनत का परिणाम भी अच्छा मिल जाएगा.

5.प्रेम प्रसंग के लिए बुध का गोचर ठीक-ठाक रहेगा आपको अपने पर्सनल जिंदगी पर थोड़ा सा ध्यान देने की जरूरत पड़ेगी.

6.आर्थिक स्थिति के मामलों में बुध का गोचर काफी अच्छा रहेगा और यदि कोई लेन-देन का मामला है तो उसे आप जल्द ही निपटा लें क्योंकि समय अनुकूल है.

बुध ग्रह के परिवर्तन से 12 राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव:-

1.मेष राशि:-

 इस भाव में विराजमान वक्री बुध की दृष्टि अब आपके तीसरे भाव पर होगी। इस समय आपको अपनी वाणी पर थोड़ा संयम रखना होगा। इस समय अगर आप किसी धार्मिक यात्रा पर जाते है तो आपके लिए अच्छा रहेगा।

2.वृष राशि:-

बुध के इस गोचर के कारण आपकी वाणी में थोड़ी कड़वाहट आ सकती है। इस समय आपको धन के लेनदेन में सावधानी बरतनी होगी। किसी भी प्रकार की पारिवारिक कलह से खुद को बचाकर चलना होगा।

3.मिथुन राशि:-

इस गोचर के कारण आप अपनी पत्नी से किसी बात पर नाराज हो सकते है। इस समय अपने प्रेमी की बात को तवज्जों देनी होगी। व्यापारी वर्ग को धन की कमी महसूस हो सकती है।

4.कर्क राशि:-

वक्री बुध के इस गोचर से आपको नौकरी के मामले में सफलता मिलेगी। कोई बड़ी नौकरी का प्रस्ताव आपके सामने होगा। इस गोचर काल में आपका साहस बढ़ा हुआ रहने वाला है।

5.सिंह राशि:-

इस भाव में विराजमान बुध की दृष्टि आपके लाभ स्थान पर होगी। इस गोचर के कारण छात्र वर्ग को सफलता मिलने के योग है। सरकारी नौकरी में चयन की खबर मिलेगी। कारोबारी वर्ग को इस समय अच्छे मौके मिलने वाले हैं।

6.कन्या राशि:-

 इस भाव में विराजमान बुध की दृष्टि अब आपके दशम भाव पर होगी। इस गोचर के फलस्वरूप आपको कार्य स्थल पर अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है। इस समय आपको अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अधिक मेहनत करनी होगी।

7.तुला राशि:-

बुध के इस गोचर से कार्य के सिलसिले में की गई यात्राओं से आपको सफलता प्राप्त होगी। इस गोचर काल में आपके पिता और गुरु आपका सहयोग करने वाले होंगे।

8.वृश्चिक राशि:-

बुध के इस गोचर के कारण व्यापारी वर्ग को हानि होगी। इस समय किसी और को दिया गया धन अटक सकता है। इस समय मित्रों से मदद नहीं मिल पाने के कारण मन खिन्न रहने वाला है।

9.धनु राशि:-

बुध के इस गोचर से कार्य स्थल पर अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब होंगे। आपके वैवाहिक जीवन में भी सुख और आनंद बना रहने वाला है। इस समय आपको समाज में सम्मान की प्राप्ति होगी। आपकी वाणी प्रभावी होगी.

10.मकर राशि:-

बुध के इस गोचर के कारण कारोबारी वर्ग के जातकों को विदेश यात्रा करनी पड़ सकती है। इस गोचर काल में आपको अपने गुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त होगा। अगर आप नौकरी बदलने की सोच रहे हैं तो सही समय है।

11.कुंभ राशि:-

इस गोचर के कारण आपको हर कार्य में सफलता प्राप्त होगी। इस समय आपको उच्च शिक्षा के लिए धन की प्राप्ति होगी। किसी करीबी मित्र से प्रेम हो सकता है। वैवाहिक जीवन में आपसी प्रेम और समझ बढ़ेगी।

12.मीन राशि:-

वक्री बुध के इस गोचर के कारण कार्यस्थल पर आपकी सहकर्मियों के साथ बहस हो सकती है। आपको अतिरिक्त जिम्मेदारी दी जा सकती है। फाइनेस से जुड़े जातकों के कार्यों में बाधा आ सकती है। इस समय आपको वैवाहिक जीवन में थोड़े तनाव का सामना करना पड़ सकता है।

बुध ग्रह के लिए मंत्र तथा उपाय:-

1.बुध त्वं बुद्धिजनको बोधद: सर्वदा नृणाम्।

तत्वावबोधं कुरुषे सोमपुत्र: नमो नम:।

2. ऊं बुं बुधाय नम:

3. ऊं ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम

4. बुद्ध गायत्री मंत्र:-

ओम् सौम्यरुपाय विद्मिहे वाणेशाय धीमहि |

तन्नो: बुध: प्रचोदयात ||

5. बुद्ध का वैदिक मंत्र:-

ऊँ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रतिजागृहि त्वमिष्टापूर्ते स सृजेथामयं च ।

अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन्विश्वे देवा यजमानश्च सीदत ।

6.बुधवार के दिन हरि वस्तुओं का दान करें तथा गाय को हरा पालक खिलाएं.

यदि आप सभी लोगों को मेरी या जानकारी पसंद आई हो तो हमें नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.

इसी जानकारी के साथ में आचार्य दयानन्द आज के अपने इस विषय को अभी विराम देता हूं.तथा कामना करता हूं .की आप सब लोगो को मेरी यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी। जय श्री कृष्णा दोस्तो…

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