ऊँ नमः शिवाय।
राधे राधे दोस्तो मैं आचार्य दयानन्द आप सभी लोगो का अपने इस ब्लॉग पर स्वागत करता हूं.तथा ईश्वर से कामना करता हूं की आप सब लोग खुश होंगे सुखी होंगे संपन्न होंगे…..
दोस्तों आज मैं मंगल की राशि परिवर्तन के विषय में आपको बताने जा रहा हूं.
मंगल ग्रह का महत्व:-
वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह ऊर्चा, साहत, पराक्रम, शौर्य, शक्ति आदि के कारक मानें जाते हैं। जातकों पर मगंल ग्रह का शुभ और अशुभ दोनों प्रभाव पड़ता है। मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी होते हैं। जिस जातक की कुंडली में मंगल ग्रह शुभ प्रभाव में रहते हैं।
मंगल के मार्गी होने का समय का समय:-
मंगल वृषभ राशि मे13 जनवरी 2023 को प्रातः 4:26 मिनट पर मार्गी हो रहे हैं।
मंगल के मार्गी होने से हमारे जिंदगी पर पड़ने वाले प्रभाव:-
1.मंगल का परिवर्तन नई शादीशुदा जोड़ों के लिए भी अनुकूल रहेगा तथा लंबे समय से रिश्ते के लिए चलती आ रही बातचीत को भी यह आगे के तरफ बढ़ाने का काम करेगा
2.मंगल का परिवर्तन व्यापारियों के लिए अनुकूल रहेगा तथा नौकरीपेशा लोगों के लिए भी उन्नति का समय लेकर आ रहा है
3.मंगल का परिवर्तन यह समय प्रेम प्रसंग के लिए थोड़ा सा कठिन रहेगा प्रेम विवाह से संबंधित कार्यों को थोड़े समय के लिए टाल दे.
4.शिक्षा वर्ग से जुड़े हुए छात्रों के लिए भी समय अनुकूल रहेगा प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्रों के लिए भी समय अनुकूल रहेगा थोड़ी मेहनत करने की जरूरत पड़ेगी पर सफलता मिल सकती है.
5.मंगल के गोचर करने की वजह से संतान प्राप्ति के लिए प्लानिंग भी अच्छी रह सकती है.
मंगल का परिवर्तन 12 राशियों पर प्रभाव:-
1.मेष राशि:-
इस गोचर काल के दौरान आपको अपनी वाणी पर काबू रखना होगा। इस समय परिवार के किसी सदस्य के साथ आपकी कलह हो सकती है। सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे जातकों को कठिनाई होगी।
2.वृष राशि:-
इस गोचर काल के दौरान आपके स्वभाव में क्रोध की अधिकता दिखाई पड़ सकती है। इस समय आपको अहंकार के भाव से बचना होगा। किसी वाहन को खरीदने की इच्छा पूरी हो सकती है। वैवाहिक जीवन में थोड़ा तनाव देखने को मिल सकता है।
3.मिथुन राशि:-
इस गोचर काल में आपको अपने खर्चों पर काबू करके चलना होगा। इस समय आपको अचानक से लम्बी दूरी की यात्राएं करनी होगी। मंगल के प्रभाव से आपकी वाणी के कारण भाइयों से मनमुटाव संभव है। इस समय नौकरी कर रहे जातकों को थोड़ी कठिनाई महसूस होगी।
4.कर्क राशि:-
मंगल के इस गोचर से आपकी आय में वृद्धि और कार्य स्थल पर सम्मान होगा। इस समय आप किसी बड़े लक्ष्य को हासिल करने में सफल होंगे। परिवारजनों से पूर्ण सहयोग रहने की उम्मीद है।इस समय किसी भूमि में निवेश कर सकते है।
5.सिंह राशि:-
मंगल के इस गोचर के फलस्वरूप आपको कार्य स्थल अब अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है। इस समय आपकी ऊर्जा और साहस बढ़ा हुआ रहने वाला है। इस गोचर काल में आपको सम्मानित भी किया जा सकता है।
6.कन्या राशि:-
मंगल के इस गोचर से विदेश यात्रा का योग बनेगा। कारोबारी वर्ग के लोगों की काम के कारण बड़ी यात्राएं होगी। इस गोचर काल में आपका साहस बढ़ा हुआ रहेगा हालांकि भाइयों से अनबन का योग भी बना हुआ रहेगा।
7.तुला राशि:-
आपको इस समय आपकी सेहत का ख़ास तौर से ध्यान रखना होगा। आपको सलाह दी जाती है कि आप वाहन को सावधानी से चलाये इसके अलावा धन के लेनदेन में भी आप लापरवाही नहीं करे। इस दौरान किसी कोर्ट केस को लेकर आप परेशान होंगे।
8.वृश्चिक राशि:-
मंगल के मार्गी होने से आपको कोई नया काम शुरू हो सकता है। काफी समय से अटके हुए कामों में अब आपको प्रगति दिखाई देगी। कार्य स्थल पर इस समय आपको टीम की लीड करने का काम मिल सकता है।
9.धनु राशि:-
मंगल के इस गोचर से अब नौकरी में आ रही बाधाओं का नाश होगा। आपके गुप्त शत्रु इस दौरान बेदम हो जाएंगे। काम के सिलसिले में विदेश यात्रा के योग बनते हुए दिखाई दे रहे है। इस समय किसी धार्मिक यात्रा के माध्यम से किसी बड़े व्यक्ति से मुलाकात हो सकती है।
10.मकर राशि:-
मंगल के इस मार्गी गोचर से आपको काम में रुकावट का सामना करना पड़ सकता है। इस समय आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। व्यापारी वर्ग को इस गोचर काल में बढ़िया मुनाफा होगा।
11.कुंभ राशि:-
मार्गी मंगल के इस गोचर से आपको थोड़ा मानसिक तनाव हो सकता है। इस समय आपको कार्य स्थल काम की अधिकता का अनुभव होगा। वैवाहिक जीवन में खटपट हो सकती है।
12.मीन राशि:-
मंगल के इस गोचर से आपका साहस बढ़ा हुआ रहेगा और छोटी यात्राओं से आपको लाभ होगा। इस समय भाइयों की मदद से आपको किसी संपत्ति का स्वामित्व भी प्राप्त हो सकता है। नौकरी कर रहे जातकों को नई और बड़ी नौकरी का प्रस्ताव अब मिल सकता है।
मंगल ग्रह के मंत्र तथा उपाय:-
!! कष्ट विमोचन मंगल स्तोत्र !!
मंगलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रद: !
स्थिरामनो महाकाय: सर्वकर्मविरोधक: !!
लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां। कृपाकरं!
वैरात्मज: कुजौ भौमो भूतिदो भूमिनंदन:!!
धरणीगर्भसंभूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्!
कुमारं शक्तिहस्तं च मंगलं प्रणमाम्यहम्!!
अंगारको यमश्चैव सर्वरोगापहारक:!
वृष्टे: कर्ताऽपहर्ता च सर्वकामफलप्रद:!!
एतानि कुजनामानि नित्यं य: श्रद्धया पठेत्!
ऋणं न जायते तस्य धनं शीघ्रमवाप्रुयात् !!
स्तोत्रमंगारकस्यैतत्पठनीयं सदा नृभि:!
न तेषां भौमजा पीडा स्वल्पाऽपि भवति क्वचित्!!
अंगारको महाभाग भगवन्भक्तवत्सल!
त्वां नमामि ममाशेषमृणमाशु विनाशय:!!
ऋणरोगादिदारिद्रयं ये चान्ये ह्यपमृत्यव:!
भयक्लेश मनस्तापा: नश्यन्तु मम सर्वदा!!
अतिवक्र दुराराध्य भोगमुक्तजितात्मन:!
तुष्टो ददासि साम्राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्!!
विरञ्चि शक्रादिविष्णूनां मनुष्याणां तु का कथा!
तेन त्वं सर्वसत्वेन ग्रहराजो महाबल:!!
पुत्रान्देहि धनं देहि त्वामस्मि शरणं गत:!
ऋणदारिद्रयं दु:खेन शत्रुणां च भयात्तत:!!
एभिद्र्वादशभि: श्लोकैर्य: स्तौति च धरासुतम्!
महतीं श्रियमाप्रोति ह्यपरा धनदो युवा:!!
!! इति श्रीस्कन्दपुराणे भार्गवप्रोक्त ऋणमोचन मंगलस्तोत्रम् !!
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इसी जानकारी के साथ में आचार्य दयानन्द आज के अपने इस विषय को अभी विराम देता हूं.तथा कामना करता हूं .की आप सब लोगो को मेरी यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी। जय श्री कृष्णा दोस्तो…
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