सूर्य ग्रहण


ऊँ नमः शिवाय।

राधे राधे दोस्तो मैं आचार्य दयानन्द आप सभी लोगो का अपने इस ब्लॉग पर स्वागत करता हूं.ईश्वर से कामना करता हूं आप सब लोग खुश होंगे सुखी होंगे संपन्न होंगे….

दोस्तों आज मैं आपको अपने इस ब्लॉक में सूर्य ग्रहण के विषय में बताने जा रहा हूं

सूर्य ग्रहण का समय:-

पंचांग के अनुसार वर्ष 2022 का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल 2022 की रात्रि 12:15 मिनट पर लग रहा है जो 1 मई 2022 को सुबह 04:07 मिनट तक रहेगा.

सूर्य ग्रहण का महत्व:-

सूर्य ग्रहण उसे कहा जाता है जब चंद्रमा सूर्य को ढक देता है. इस स्थिति में सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुंच पाती. इसे सूर्य ग्रहण कहा जाता है. वहीं,, जब चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढकता है तो सूर्य की किरणें धरती तक कम मात्रा में आ पाती हैं जिसे आंशिक सूर्यग्रहण कहा जाता है. वहीं, जब चंद्रमा सूर्य के मध्य भाग को ढकता है, इस स्थिति में सूर्य एक अंगूठी की तरह नजर आने लगता है तब इस स्थिति को वलयाकार सूर्यग्रहण कहते हैं.

कहां दिखेगा लगने वाला सूर्य ग्रहण:-

साल का यह पहला सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी पश्चिमी हिस्से, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका में नजर आएगा. क्योंकि भारत में यह सूर्य ग्रहण नजर नहीं आएगा, इसलिए यहां पर इसका सूतक काल (Sutak Kaal) प्रभावी नहीं माना जाएगा. 

सूतक काल भारत में मान्य होगा या नहीं:-

भारत में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा इस कारण से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। शास्त्रों के अनुसार जब भी ग्रहण का प्रभाव जिस क्षेत्र में होता है वहां पर सूर्य ग्रहण के लगने से 12 घंटे पहले ही सूरक काल लग जाता है।ग्रहण पर सूतक काल के प्रभावी होने पर किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाना चाहिए।

ग्रहण के समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए:-

ग्रहण के दौरान भोजन न पकाना चाहिए और न ही खाना चाहिए।

तथा भगवान की पूजा-आराधना और तुलसी के पौधे व उसके पत्तों को नहीं छूना चाहिए।ग्रहण काल लगने पर घर से बाहर नहीं जाना चाहिए और न ही घर पर सोना चाहिए।तथा ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।तथा ग्रहण काल में चाकू और सूई का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

ग्रहण काल के समय जाप किया जाने वाले मंत्र तथा उपाय:-

1.ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय

जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।

इस मंत्र के जाप से ग्रहण के दौरान व्यक्ति पर पड़ने वाली नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। इसके जप से आप अपने शत्रुओं पर विजय पा सकते हैं। अगर शत्रु का दमन करना चाहते हैं तो सूर्य ग्रहण के दौरान इस मंत्र का एक माला जरूर जाप करें। 

2.ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये

प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।

इस मंत्र के जाप से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। ऐसे में ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जरूर जाप करें। इस मंत्र के पुण्य फल से धन की प्राप्ति होती है।

3.“विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत

दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥

यह मंत्र बुरी शक्तियों का नाश करने वाला है। इस मंत्र में ईश्वर से ग्रहण काल से रक्षा करने की याचना की जाती है। अतः सूर्य ग्रहण के समय इस मंत्र का जरूर जाप करें।

4.तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।

हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥

इस मंत्र में राहु और केतु का आह्वान किया जाता है और उनसे शांति प्रदान करने की कामना की जाती है। चूंकि ग्रहण काल में राहु-केतु का प्रकोप रहता है। अतः इस मंत्र का जरूर जाप करें। कहते हैं कि अगर राशि में राहु-केतु की बुरी दृष्टि पर जाए तो उसके जीवन में अस्थिरता आ जाती है।

यदि आप सभी लोगों को मेरी या जानकारी पसंद आई हो तो हमें नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.

इसी जानकारी के साथ में आचार्य दयानन्द आज के अपने इस विषय को अभी विराम देता हूं.तथा कामना करता हूं .की आप सब लोगो को मेरी यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी। जय श्री कृष्णा…..

NOTE:- हमारे विद्वान आचार्यों से संपर्क करने के लिए Contact Care No:-91-8384030394