NAG PANCHAMI (नागपंचमी)

ऊँ नमः शिवाय।
राधे राधे दोस्तो मैं आचार्य दयानन्द आप सभी लोगो का अपने इस ब्लॉग पर स्वागत करता हूं. ईश्वर से कामना करता हूं आप सब लोग खुश होंगे सुखी होंगे संपन्न होंगे….

नाग पंचमी श्रावण के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है।इस बार नाग पंचमी 21 अगस्त 2023 को पड़ रही है। नाग पंचमी का त्योहार देशभर में बड़ी धूमधाम से माना जाता है। सावन मास में दो नागपंचमी तिथि आती है। एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष।

नागपंचमी (NAG PANCHAMI) का महत्व:-

भारत के प्राचीन महाकाव्यों में से एक, महाभारत में, राजा जनमेजय नागाओं की पूरी जाति को नष्ट करने के लिए एक यज्ञ करते हैं। यह अपने पिता राजा परीक्षित की मृत्यु का बदला लेने के लिए था, जो तक्षक सांप के घातक काटने का शिकार हो गये थे। हालांकि, प्रसिद्ध ऋषि आस्तिक जनमजेय को यज्ञ करने से रोकने और नागों के बलिदान को बचाने की खोज में निकल पड़े। जिस दिन यह बलि रोकी गई वह शुक्ल पक्ष पंचमी थी, जिसे अब पूरे भारत में नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। कई हिंदू धर्मग्रंथों और महाकाव्यों में सांप या नागा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। महाभारत, नारद पुराण, स्कंद पुराण और रामायण जैसे ग्रंथों में सांपों से जुड़ी कई कहानियां हैं। एक और कहानी भगवान कृष्ण और नाग कालिया से जुड़ी है जहां कृष्ण यमुना नदी पर कालिया से लड़ते हैं और अंत में मनुष्यों को दोबारा परेशान न करने के वादे के साथ कालिया को माफ कर देते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार नाग पंचमी पर नागों की पूजा करने से भक्त को सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

नागपंचमी (NAG PANCHAMI) तिथि और मुहूर्त:-

21 अगस्त को शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 20 अगस्त को रात 12: 23 मिनट पर पंचमी तिथि लगेगी। 21 तारीख को रात में 2: 01 मिनट पर यह तिथि समाप्त हो जाएगी।

नागपंचमी (NAG PANCHAMI) पूजा सामग्री:-

फल, फूल, मिठाई और दूध.

नागपंचमी 2
नाग देवता की पूजा विधि:-

नाग पंचमी के दिन सबसे पहले सुबह सूर्योदय से पहले उठें और स्नान आदि करें। इसके बाद शिव जी के साथ-साथ नाग देवता की पूजा करें।इस दिन नाग देवता की पूजा में फल, फूल, मिठाई और दूध अवश्य ही अर्पित करें। कहा जाता है कि जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष या फिर राहु-केतु से संबंधित कोई दोष हो तो नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा जरूर करनी चाहिए।नाग पंचमी के दिन तांबे के लोटे से नाग देवता की मूर्ति को दूध और जल चढ़ाएं। संभव हो तो मंदिर में चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा रखकर उसका पूजन-अभिषेक करें। इससे नाग देवता और शिव जी दोनों प्रसन्न होते हैं।

नाग पंचमी (NAG PANCHAMI) के दिन क्या करें:-

नागपंचमी के दिन व्रत रखें। व्रत रखने से व्यक्ति को कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा इस दिन नाग देवताओं की पूजा के बाद नागपंचमी के मंत्रों का जाप करें। कुंडली में राहु और केतु की दशा चल रही है उन्हें भी नाग देवता की पूजा करनी चाहिए। इस उपाय से राहु केतु दोष से मुक्ति मिलेगी।इस दिन शिवलिंग पर पीतल के लोटे से ही जल चढ़ाएं।

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इसी जानकारी के साथ में आचार्य दयानन्द आज के अपने इस विषय को अभी विराम देता हूं.तथा कामना करता हूं .की आप सब लोगो को मेरी यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी। जय श्री कृष्णा दोस्तो…

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