Raksha Bandhan

Raksha Bandhan

ऊँ नमः शिवाय।

राधे राधे दोस्तो, मैं आचार्य दयानन्द आप सभी लोगो का अपने इस Raksha Bandhan ब्लॉग पर स्वागत करता हूं.

ईश्वर से कामना करता हूं आप सब लोग खुश होंगे सुखी होंगे संपन्न होंगे…..

दोस्तों आज मैं आपको रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के विषय में बताने जा रहा हूं वैसे तो पुराणों में रक्षाबंधन का विशेष महत्व माना  गया है क्योंकि इस दिन सभी बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती थी जो आज के समय में रक्षाबंधन भी कहलाया जाता है इससे भाई के ऊपर आने वाली सभी प्रकार की विपत्तियां टल जाती है तथा भाई बहन की रक्षा का प्रण लेता है तथा  जिन बहनों के भाई नहीं होते हैं वह बहने अपने कुल देवी देवताओं को राखी बांध सकती है तथा अपने कुल देवी देवताओं को राखी बांधने से भी उनको सभी प्रकार की मुसीबतों से छुटकारा भी प्राप्त होती है तथा उन्नति तरक्की भी प्राप्त होती है.

राखी बांधने का शुभ समय:-

श्रावण पूर्णिमा राखी के पर्व पर शोभन योग 22 अगस्त 2021 की सुबह 6.15 से 10.35 बजे तक रहेगा.

शोभन योग में सवा चार घंटे तक राखी बांधना श्रेष्ठ रहेगा. तथा दोपहर का समय-1.44 बजे से 04.3 बजे तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रहेगा.

राखी पर्व की सामग्री:-

पूजा की थाली, रोली, राखी, दही, साबुत चावल, हल्दी, आरती का सामान( कपूर इत्यादि),

राखी पर्व की विधि:-

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि इत्यादि नित्य कर्म करने के तत्पश्चात आरती की थाली में सभी सामग्री  अर्जित  कर ले जैसे रोली, राखी, दही, साबुत चावल, हल्दी,कपूर, मिष्ठान इत्यादि. फिर बहने अपने भाई की आरती उतारते के बाद उनकी सीधे हाथ की कलाई पर राखी  बांध ले तत्पश्चात उनको मिठाई खिलाएं तथा उनके कुशल मंगल की प्रार्थना करें तत्पश्चात उनसे मिलने वाले  नेक को  अर्जित करें.

रक्षाबंधन को बांधते वक्त इस मंत्र का जाप करें:-

येन बद्धो बलि: राजा दानवेंद्रो महाबल।

तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

यदि आप सभी लोगों को मेरी या जानकारी पसंद आई हो तो हमें नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.

इसी जानकारी के साथ में आचार्य दयानन्द आज के अपने इस विषय को अभी विराम देता हूं.तथा कामना करता हूं .की आप सब लोगो को मेरी यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी। जय श्री कृष्णा दोस्तो…

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