Shukra ka Rashi Parivartan

Shukra ka Rashi Parivartan

ऊँ नमः शिवाय।
राधे राधे दोस्तो मैं आचार्य दयानन्द आप सभी लोगो का अपने इस ब्लॉग पर स्वागत करता हूं.ईश्वर से कामना करता हूं आप सब लोग खुश होंगे सुखी होंगे संपन्न होंगे…..

दोस्तों आज मैं आपको शुक्र के परिवर्तन के विषय में बताने जा रहा हूं वैसे तो शुक्र को धन वैभव और ऐश्वर्य का कारक प्लैनेट माना गया है तथा पत्रिका में शुक्र के शुभ प्रभाव में होने से इंसान को जिंदगी में ऐश्वर्य तथा कीर्ति की प्राप्ति होती है  तथा बंगला गाड़ी नौकर चाकर इत्यादि की प्राप्ति भी होती है और क्योंकि शुक्र फीमेल का कारक प्लेनेट भी माना जाता है इस वजह से जिन जातकों की कुंडली में शुक्र के खराब होने के वजह से उनकी शादी विवाह नहीं हो पा रही है उनके जिंदगी में शुक्र के शुभ अवस्था में होने से उनको अपने मन के मुताबिक जीवनसाथी की प्राप्ति होती है तथा लड़के के लिए तो मन मुताबिक महिला जीवनसाथी की प्राप्ति हो जाती है.

 शुक्र ग्रह के राशि परिवर्तन का समय:-

शुक्र का राशि परिवर्तन वृश्चिक राशि में 2 अक्टूबर 2021 को सुबह 9.35 बजे होगा और 30 अक्टूबर को 15.56 बजे के बाद शुक्र राशि परिवर्तन कर लेंगे.

 शुक्र ग्रह के गोचर का हमारे जिंदगी पर प्रभाव:-

1.शुक्र ग्रह का परिवर्तन व्यवसायिक क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों के लिए अनुकूल रहेगा तथा जिन व्यक्तियों का कार्य शुक्र से संबंधित होता है जैसे फैशन से संबंधित होता है तो उनके व्यवसाय में बढ़ोतरी के योग बनेंगे.

2.विवाह संबंधित कार्यों में आ रही अड़चनों से भी मुक्ति मिलेगी तथा रिश्ते के लिए चलती आ रही बातचीत आगे की तरफ बढ़ सकती है.

3.शुक्र का परिवर्तन संतान प्राप्ति के लिए भी अनुकूल रहेगा तथा संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं भी दूर होंगी तथा संतान प्राप्ति के योग बन रहे हैं.

4.यह समय छात्रों के लिए बहुत ही अनुकूल रहेगा तथा छात्रों को विशेष रूप से उनके अध्ययन में सफलता प्राप्त होगी तथा प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले छात्रों के लिए भी समय अनुकूल रहेगा.

5.शुक्र का गोचर प्रेम विवाह इत्यादि इच्छुक व्यक्तियों के लिए पूर्ण रूप से लाभकारी रहेगा तथा प्रेम विवाह होने के पूरे योग बनेंगे.

6. शुक्र ग्रह का गोचर आर्थिक स्थितियों को भी मजबूत करेगा तथा रुके हुए धन प्राप्ति के भी योग बनाएगा.

शुक्र ग्रह का गोचर 12 राशियों पर प्रभाव:-

1.मेष राशि:-

यह समय आपके निजी जीवन के लिए बहुत ज्यादा अनुकूल नहीं रहेगा जीवनसाथी के साथ मनमुटाव इत्यादि के योग  बन रहे हैं. तथा इस समय आपको कोई भी व्यवसायिक साझेदारी को कुछ समय के लिए रोक देना चाहिए आपके पीठ पीछे  शत्रु के द्वारा षड्यंत्र रचे जाने का योग बन रहा है. 

2.वृष राशि:-

यह समय आपके जीवन साथी के साथ समय व्यतीत करने का बहुत ही अनुकूल समय कहा जा सकता है तथा आप अपने जीवन साथी के साथ कुछ रोमांटिक पल भी व्यतीत कर सकते हैं. यदि आपका कोई साझेदारी में बिजनेस चल रहा हो तो मुनाफे मिलने के योग बन रहे हैं तथा नौकरी करने वाले लोगों के लिए भी उन्नति का योग बन रहा है. 

3.मिथुन राशि:-

इस समय प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने वाले छात्रों के लिए समय अनुकूल रहने वाला है. आपको मेहनत  करने की आवश्यकता पड़ेगी तथा कार्यक्षेत्र के हिसाब से विदेश यात्रा के भी योग बन रहे हैं जो आपके लिए पूर्ण रूप से अनुकूल रहेंगे तथा नौकरीपेशा लोगों के लिए भी यह समय अनुकूल कहा जा सकता है.

4.कर्क राशि:-

इस समय आप के आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी तथा नौकरी पेशा लोगों के लिए उनके कार्यक्षेत्र में आमदनी बढ़ने के योग बन रहे हैं तथा व्यवसायिक वर्ग के लोगों को भी कुछ  अच्छे और नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं जिससे आपके कार्यक्षेत्र पर अनुकूल असर पड़ेगा.

5.सिंह राशि:-

यह समय आपके पारिवारिक जिंदगी के लिए बहुत अनुकूल रहेगा तथा परिवार से आपको आर्थिक लाभ मिलने के भी योग बन रहे हैं तथा सुख संपत्ति वैभव के भी योग बनते हैं आप वाहन की भी खरीदारी कर सकते हैं परंतु आपको अपनी सेहत पर थोड़ा ध्यान देने की आवश्यकता पड़ेगी.

6.कन्या राशि:-

शुक्र के गोचर के दौरान आप के मान सम्मान तथा प्रतिष्ठा में वृद्धि के योग बन रहे हैं यदि लंबे समय से कोई विवाद इत्यादि चलता आ रहा हो तो वह भी इस समय पर सुलझ सकता है. इस समय आपके कुछ नए संपर्क भी बढ़ सकते हैं जिससे आपको अपने कार्य क्षेत्र में तथा अपने कैरियर में एक अच्छा सहयोग प्राप्त हो सकता है.

7.तुला राशि:-

इस समय आप के आर्थिक पक्ष पूर्ण रूप से मजबूत रहने वाला है इस समय आप गैरकानूनी के कार्यों से भी थोड़ा सतर्क रहें.तथा धन अर्जित करने के और भी कई सारे साधन आपको मिलेंगे जिससे आपका आर्थिक पक्ष और भी मजबूत होता जाएगा.

8.वृश्चिक राशि:-

इस समय आपका आकर्षण बढ़ेगा तथा आपसे विपरीत लिंग के लोग भी आपके तरफ आकर्षित होंगे इस समय आप के मान सम्मान का भी योग बन रहा है जिससे आपके कैरियर पर भी अच्छा असर पड़ेगा तथा नौकरी पेशा लोगों के लिए कार्यक्षेत्र में परिवर्तन के योग भी बन रहे हैं.

9.धनु राशि:-

इस समय आपको मान सम्मान तथा कार्य क्षेत्र में प्रगति प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता पड़ेगी तथा आर्थिक पक्ष को भी मजबूत करने के लिए आपको मेहनत करने की जरूरत पड़ेगी परंतु आपकी मेहनत सफल भी जरूर होगी तथा आपको अपनी सेहत का थोड़ा ध्यान रखने की आवश्यकता है.

10.मकर राशि:-

यह समय आपके लिए सामान्य से ज्यादा अनुकूल कहा जा सकता है आपकी आर्थिक पक्ष भी मजबूत रहने वाली है आपके कार्यक्षेत्र में भी उन्नति तथा उन्नति दायक परिवर्तन के योग बन रहे हैं परंतु शत्रुओं से आपको थोड़ा सावधान रहने की आवश्यकता पड़ेगी पीठ पीछे षड्यंत्र रची जा सकती है तथा अपने सेहत का ध्यान रखें.

11.कुंभ राशि:-

यह समय आपके लिए उन्नति कारक समय कहा जा सकता है  व्यवसाय क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों के लिए भी व्यवसाय में कुछ नए अवसर प्राप्त होंगे तथा नौकरी पेशा लोगों के लिए भी पदोन्नति का समय बन रहा है आपके कार्यक्षेत्र में आपकी सीनियर्स के द्वारा आप की प्रशंसा की जा सकती है परंतु आपको अपनी वाणी पर विराम लगाकर रखने की आवश्यकता पड़ेगी.

12.मीन राशि:-

यह समय आपके लिए सामान्य रहने वाला है तथा आप इसे मिलाजुला समय भी कह सकते हैं इस समय आपको आपके द्वारा किए गए प्रयासों का उचित परिणाम प्राप्त हो सकता है तथा बड़े कार्यों के साथ-साथ छोटे कार्यों पर भी आप ध्यान दें छोटे कार्यों के बनने के गुंजाइश ज्यादा बन रही है परंतु आपको अपने पारिवारिक जीवन पर भी थोड़ा ध्यान देना चाहिए.

शुक्र ग्रह के मंत्र तथा उपाय:-

1.शुक्रवार के दिन सफेद तथा मीठी खाद्य वस्तुओं का दान करें.

2.दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.

3.माता लक्ष्मी जी को लाल तथा पीले पुष्प अर्पित करें.

4.शिवलिंग पर एक लोटा जल में सफेद चंदन डालकर जल अर्पित करें.

5.शुक्र स्तोत्र (Shukr Stotra)

नमस्ते भार्गव श्रेष्ठ देव दानव पूजित ।

वृष्टिरोधप्रकर्त्रे च वृष्टिकर्त्रे नमो नम: ।।1।।

देवयानीपितस्तुभ्यं वेदवेदांगपारग: ।

परेण तपसा शुद्ध शंकरो लोकशंकर: ।।2।।

प्राप्तो विद्यां जीवनाख्यां तस्मै शुक्रात्मने नम: ।

नमस्तस्मै भगवते भृगुपुत्राय वेधसे ।।3।।

तारामण्डलमध्यस्थ स्वभासा भसिताम्बर: ।

यस्योदये जगत्सर्वं मंगलार्हं भवेदिह ।।4।।

अस्तं याते ह्यरिष्टं स्यात्तस्मै मंगलरूपिणे ।

त्रिपुरावासिनो दैत्यान शिवबाणप्रपीडितान ।।5।।

विद्यया जीवयच्छुक्रो नमस्ते भृगुनन्दन ।

ययातिगुरवे तुभ्यं नमस्ते कविनन्दन ।6।।

बलिराज्यप्रदो जीवस्तस्मै जीवात्मने नम: ।

भार्गवाय नमस्तुभ्यं पूर्वं गीर्वाणवन्दितम ।।7।।

जीवपुत्राय यो विद्यां प्रादात्तस्मै नमोनम: ।

नम: शुक्राय काव्याय भृगुपुत्राय धीमहि ।।8।।

नम: कारणरूपाय नमस्ते कारणात्मने ।

स्तवराजमिदं पुण्य़ं भार्गवस्य महात्मन: ।।9।।

य: पठेच्छुणुयाद वापि लभते वांछित फलम ।

पुत्रकामो लभेत्पुत्रान श्रीकामो लभते श्रियम ।।10।।

राज्यकामो लभेद्राज्यं स्त्रीकाम: स्त्रियमुत्तमाम ।

भृगुवारे प्रयत्नेन पठितव्यं सामहितै:।।11।।

अन्यवारे तु होरायां पूजयेद भृगुनन्दनम ।

रोगार्तो मुच्यते रोगाद भयार्तो मुच्यते भयात ।।12।।

यद्यत्प्रार्थयते वस्तु तत्तत्प्राप्नोति सर्वदा ।

प्रात: काले प्रकर्तव्या भृगुपूजा प्रयत्नत: ।।13।।

सर्वपापविनिर्मुक्त: प्राप्नुयाच्छिवसन्निधि: ।।14।।

(इति स्कन्दपुराणे शुक्रस्तोत्रम)

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इसी जानकारी के साथ में आचार्य दयानन्द आज के अपने इस विषय को अभी विराम देता हूं.तथा कामना करता हूं .की आप सब लोगो को मेरी यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी। जय श्री कृष्णा दोस्तो…

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