ऊँ नमः शिवाय।
राधे राधे दोस्तो मैं आचार्य दयानन्द आप सभी लोगो का अपने इस ब्लॉग पर स्वागत करता हूं.ईश्वर से कामना करता हूं आप सब लोग खुश होंगे सुखी होंगे संपन्न होंगे…..
दोस्तों चैत्र नवरात्रि के दिन माता के छठे स्वरूप मां कात्यायनी माता की पूजन की जाती है यह दिन 11 अक्टूबर 2021 के दिन पड़ेगा.
मां कात्यायनी माता की पूजन का महत्व:-
इस दिन जो मां की पूजा करते हैं उन्हें सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है। मां कात्यायनी को शत्रु और संकटों से मुक्त करने वाली माना गया है। कहा जाता है कि देवी ने ही असुरों से देवताओं की रक्षा की थी। मां ने महिषासुर का वध किया था और उसके बाद शुम्भ और निशुम्भ का भी वध किया था। सिर्फ यही नहीं, सभी नौ ग्रहों को उनकी कैद से भी छुड़ावाया था।
मां कात्यायनी माता की पूजन विधि:-
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठ जाएं और स्नानादि कर सभी नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं।तथा अपने घर के मंदिर की साफ सफाई करें तथा मां कात्यायनी माता की प्रतिमा स्थापित करें तत्पश्चात फूल को मां के चरणों में चढ़ाएं। फिर देवी को लाल वस्त्र, 3 हल्दी की गांठ, पीले फूल, फल, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
इसके बाद दुर्गा चालिसा का पाठ करें। मां के मंत्रों का जाप करें और आरती का पाठ करें।
मां कात्यायनी माता की पूजन मंत्र:-
1. या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
2. ॐ कात्यायिनी देव्ये नमः
3. कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी। नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।
4. चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दूलवर वाहना। कात्यायनी शुभंदद्या देवी दानव घातिनि।।
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इसी जानकारी के साथ में आचार्य दयानन्द आज के अपने इस विषय को अभी विराम देता हूं.तथा कामना करता हूं .की आप सब लोगो को मेरी यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी। जय श्री कृष्णा…..
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