कामदा एकादशी

ऊँ नमः शिवाय।
राधे राधे दोस्तो मैं आचार्य दयानन्द आप सभी लोगो का अपने इस ब्लॉग पर स्वागत करता हूं.ईश्वर से कामना करता हूं आप सब लोग खुश होंगे सुखी होंगे संपन्न होंगे…..

दोस्तों आज मैं आपको अपने इस ब्लॉग में कामदा एकादशी के विषय में बताने जा रहा हूं.

कामदा एकादशी का महत्व:-

कामदा एकादशी का व्रत रखने से सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति होती है।धर्म शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि एकादशी व्रत पापों से मुक्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। कामदा एकादशी व्रत के प्रभाव से सभी पापों का नाश होता है। साथ ही प्रेत योनी से भी मुक्ति मिलती है।

कामदा एकादशी के लिए व्रत का समय:-

इस माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 12 अप्रैल 2022 दिन मंगलवार को तड़के 04:30 मिनट से शुरु होगी और ये तिथि 13 अप्रैल को प्रात: 05:02 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर 12 अप्रैल 2022 को कामदा एकादशी व्रत रखा जाएगा।पूजन का शुभ मुहूर्त- दोपहर 11:57 मिनट से 12:48 मिनट तक रहेगा.तथा 13 अप्रैल 2022 को कामदा एकादशी व्रत के पारण का सही समय दोपहर 01:39 मिनट से शाम 04:12 मिनट तक है।

कामदा एकादशी के लिए पूजन समय:-

भगवान श्री हरि विष्णु जी की मूर्ति या फिर प्रतिमा, तुलसी दल, गंगाजल, अगरबत्ती,फल, फूल, दूध, तिल, पंचामृत, इत्यादि.

कामदा एकादशी के लिए पूजन विधि:-

इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि नित्य कर्म करने के पश्चात अपने घर के मंदिर की साफ सफाई करें तथा भगवान श्री हरि विष्णु जी की मूर्ति या फिर प्रतिमा को स्थापित करें तथा गंगाजल का छिड़काव करें तत्पश्चात भगवान श्री हरि विष्णु जी का फल, फूल, दूध, पंचामृत, तिल आदि से पूजन करें। रात में सोने के बजाय भजन- कीर्तन करें और अगले दिन पूजन कर ब्राह्मण को भोजन कराएं और दक्षिणा दें।

कामदा एकादशी के लिए व्रत कथा:-

प्राचीन समय में पुण्‍डरीक नामक राजा नागलोक में राज करता था। उसका दरबार किन्‍नरों व गंधर्वो से सदैव भरा रहता था। एक दिन गन्‍धर्व ललित दरबार में गीत गा रहा था, कि अचानक उसे अपनी पत्‍नी की याद आयी। इस कारण उसके स्‍वर, व लय ताल सब बिगड़ गये। क‍र्कट नामक नाग ने राजा से कहा, और राजा ने उस पर बड़ा क्रोध आया।इस बात पर राजा ने ललित गंधर्व को राक्षस होने का श्राप दे दिया। ओैर वह गंधर्व राक्षक बन गया और कई वर्षो तक कई लोको में भटकता रहा। एक दिन ललित की पत्‍नी विन्‍ध्‍य पर्वत पर ऋष्‍यमूक ऋषि के पास जाकर बोली की हे ऋषिवर मेरे पति को इस श्राप से उद्धार करने का उपाय बताऐ।ऋषि को उसकी पत्‍नी पर दया आई और कहा बेटी चैत्र शुक्‍लपक्ष में कामदा एकादशी आ‍ती है। तू उस कामदा एकादशी व्रत कथा को श्रद्धा भाव से व पूरें विधि विधान से करेगी तो भगवान तेरे पति का उद्धार करेगें। तब से वह कामदा एकादशी का व्रत करना शुरू कर दिया एसे में बहुत दिन बीत गऐ। और एक दिन भगवान विष्‍णु जी ने उनके पति को श्राप से मुक्‍त करके पहले जैसा गंधर्व बना दिया। और कहा इस संसार में जो कोई कामदा एकादशी व्रत करेगा उसके सारे पाप मिट जाएगे।इस व्रत की कथा को सुनकर हम सब को यह शिक्षा मिलती है। कभी भी किसी भी प्रकार की गलतीया नहीं करनी चाहिऐ। क्‍योकि हमें हर गलती की सजा जरूर मिलती है तो ऐसे में हम सब साहस व धैर्य के साथ काम करे तो हम सभी पर विजय पा सकते है

कामदा एकादशी के लिए मंत्र तथा उपाय:-

1.ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: –

2.ॐ नमो नारायणाय नम: – 

3.ॐ विष्णवे नम:।

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इसी जानकारी के साथ में आचार्य दयानन्द आज के अपने इस विषय को अभी विराम देता हूं.तथा कामना करता हूं .की आप सब लोगो को मेरी यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी। जय श्री कृष्णा दोस्तो…

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