राधे राधे दोस्तो मैं आचार्य दयानन्द आप सभी लोगो का अपने इस ब्लॉग पर स्वागत करता हूं. ईश्वर से कामना करता हूं आप सब लोग खुश होंगे सुखी होंगे संपन्न होंगे
दोस्तों आप नवरात्रि के विषय में तो जानते ही होंगे की वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं जिनमें से हम में से अधिकतर लोग चैत्र और सर्दीय
नवरात्रि में नौ देवियों की पूजन की जाती है. तो वही गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है.
10 महाविद्याए:-
मां त्रिपुर सुंदरी,मां काली, मां तारा, मां छिन्नमस्ता, मां भुवनेश्वरी, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां मातंगी, मां बगलामुखी और माता कमला देवी.
घट स्थापना का मुहूर्त:-
11 जुलाई 2021 के सुबह 5:31 से 7:47 मिनट तक किया जा सकता है कुल समय अवधि 2 घंटे 16 मिनट की होगी.
पूजा सामग्री:-
माता दुर्गा जी की प्रतिमा या कोई मूर्ति, कपूर, केसर, सिंदूर, धूप, जो, सफेद वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन चूड़ी, सुगंधित तेल, बंदनवार आम के पत्तों का, लाल पुष्प, दूर्वा, मेहंदी, बिंदी, साबुत सुपारी, पीसी हुई हल्दी, और हल्दी की गांठ, पटरा, आसन, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, दीपक, कमल गट्टा,नैवेद्,मधु,शक्कर,पंचमेवा, जावित्री,जायफल,बालू, नारियल, मिट्टी,पान, लॉन्ग, इलायची, कलस, हवन सामग्री, पूजा थाल, दूध, दही, पीली सरसों, गंगाजल, फल.
पूजा विधि:-
सुबह नित्य कर्म से नहा धोकर स्वच्छ कपड़े पहन कर अपने घर के मंदिर में मां दुर्गा जी की प्रतिमा या उनकी मूर्ति स्थापित करें. पूजा आधी रात को ही की जाए तो ज्यादा बेहतर है, तथा लाल रंग का सिंदूर और चुनरी अर्पित करें, तथा समस्त पूजन सामग्री भी अर्पित करें, तथा लाल पुष्प चढ़ाएं, तथा सरसों के तेल का दीपक जलाएं. और माता का ध्यान करें.
जाप मंत्र:-
ओम दुम दुर्गाए नमः !
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