ऊँ नमः शिवाय।
राधे राधे दोस्तो मैं आचार्य दयानन्द आप सभी लोगो का अपने इस ब्लॉग पर स्वागत करता हूं.ईश्वर से कामना करता हूं आप सब लोग खुश होंगे सुखी होंगे संपन्न होंगे…..
दोस्तों गुरु को ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह माना जाता है बल्कि इसे आप देव गुरु बृहस्पति के रूप में भी जानते हैं तथा इस समय पर गुरु गोचर में परिवर्तन करने जा रहा है परिवर्तन के बाद यह अपने नीच के राशि में वापस आ रहा है तथा गुरु ग्रह अभी इस समय कुंभ राशि में वक्री चाल से चल रहे हैं। गुरु के मकर राशि में परिवर्तन करने पर शनि देव के साथ युति बनाएंगे। ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह को एक शुभ और ज्ञानी ग्रह के रूप में माना जाता है। गुरु कर्क राशि में उच्च के और मकर राशि में नीच के माने जाते हैं। गुरु भाग्य, विवाह और प्रसिद्धि के कारक ग्रह हैं। 14 सितंबर को गुरु का गोचर करने से शनि के साथ युति बनेगा इस कारण से गुरु का गोचर बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। तथा गुरु के नीच का प्रभाव भी इतना प्रभावशाली नहीं रह पाता है तथा इसके शुभ और फलदायक परिणाम भी प्राप्त हो सकते हैं
गुरु के परिवर्तन का समय:-
गुरु ग्रह का मकर राशि में गोचर 15 सितंबर 2021 के प्रातः 4:22 पर होगा तथा 20 नवंबर 2021 के सुबह 11:23 तक मकर राशि में गोचर करेंगे तत्पश्चात गुरु ग्रह का गोचर कुंभ राशि में हो जाएगा.
गुरु ग्रह का गोचर हमारी जिंदगी पर प्रभाव:-
1.गुरु ग्रह का गोचर होना व्यवसायिक वर्ग के लोगों के लिए काफी अनुकूल रहेगा. तथा उनको अपने मेहनत का अच्छा परिणाम मिल सकेगा. परंतु मेहनत भी काफी करनी पड़ेगी.
2.गुरु का गोचर विवाह संबंधित कार्यों के लिए भी काफी अच्छा रहेगा विवाह संबंधित मामलों को जितना जल्दी निपटा लें उतना आपके लिए बेहतर रहेगा.
3.गुरु का गोचर संतान संबंधित मामलों के लिए काफी अच्छा रहेगा संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं दूर होगी.
4.छात्रों को थोड़ा ज्यादा मेहनत करना पड़ेगा करियर पर ध्यान देने की जरूरत भी पड़ेगी परंतु उनके अपने मेहनत का परिणाम भी अच्छा मिल जाएगा.
5.प्रेम प्रसंग के लिए शुक्र का गोचर सामान्य रहेगा आपको अपने पर्सनल जिंदगी पर थोड़ा सा ध्यान देने की जरूरत पड़ेगी.
6.आर्थिक स्थिति के मामलों में गुरु का गोचर सामान्य रहेगा किसी भी प्रकार के लेनदेन में थोड़ी सी सावधानी बरतें.किसी भी प्रकार के निवेश करने से बचें आपके धन फंसने की भी संभावना बन सकती है
गुरु ग्रह का गोचर हमारे 12 राशियों पर प्रभाव:-
1.मेष राशि:-
यह समय आपके लिए सामान्य रहेगा परंतु नौकरी पेशा लोगों के लिए कुछ अनुकूल समय लेकर के आ रहा है पदोन्नति के भी योग बन रहे हैं तथा व्यवसाय क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों के लिए भी समय अनुकूल रहेगा परंतु आपको अपनी सेहत का ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ेगी.
2.वृष राशि:-
आपको इस समय भाग्य का अच्छा सहयोग मिलेगा तथा पिछले पुराने समय से अटके हुए कार्यों में भी आपको उपलब्धि प्राप्त होने की तथा कार्य बनने की पूरी संभावनाएं बन रही है आर्थिक मामलों में यदि अगर आपका कोई फंसा हुआ धन है तो वह भी आपको प्राप्त हो सकता है प्रेम प्रसंग के लिए भी समय अनुकूल रहेगा परंतु अपनी वाणी पर थोड़ा सा विराम रखने की कोशिश करें.
3.मिथुन राशि:-
व्यवसाय और पेशेवर जातकों को अच्छे सौदे व प्रपोजल प्राप्त होंगे।
नौकरीपेशा जातकों के लिए नौकरी में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। प्रेमी-प्रेमिकाओं के लिए यह समय एक अच्छे रिश्ते का आनंद के रूप में दिन बीतेगा। परंतु आपको अपने पारिवारिक जिंदगी पर थोड़ा ध्यान देने की जरूरत पड़ेगी.
4.कर्क राशि:-
नौकरी के बेहतर अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं। इसके साथ वेतन में बढ़ोत्तरी की भी संभावना है।कारोबारियों के लिए गुरु का गोचर बहुत शुभ और लाभकारी है। व्यापारिक साझेदारी में चल रहे विवाद खत्म होंगे।
नया बिजनेस करने वालों के लिए यह समय बहुत ही अच्छा है।
5.सिंह राशि:-
इस गोचर से नौकरी करने वाले जातकों को मिलाजुले परिणाम प्राप्त होंगे।कार्यक्षेत्र में तनाव और करियर के क्षेत्र में परेशानियों को सामना करना पड़ सकता है।वाद-विवाद से आपको दूर रहना होगा। जीवनसाथी के साथ आपके टकराव हो सकते हैं।आपको अपनी सेहत पर ध्यान देने की जरूरत पड़ेगी.
6.कन्या राशि:-
यह समय आपके लिए सामान्य से अनुकूल रहेगा थोड़ा मानसिक उलझन बढ़ सकती है परंतु कार्यक्षेत्र में आपके काम की सराहना होगी।बिजनेस में मुनाफा होने के योग है।निवेश के लिए यह समय आपके लिए अच्छा रहेगा. तथा सेहत पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता पड़ेगी.
7.तुला राशि:-
इस समय आपको अपने करियर में कई तरह के अच्छे मौके प्राप्त होंगे।
कारोबारियों को अपने कारोबार में कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है।कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आपको चिंतित कर सकती हैं।अपने सेहत के प्रति सावधान रहें.
8.वृश्चिक राशि:-
यह समय आपके लिए सामान्य रहेगा परंतु कार्यक्षेत्र में आपकी जिम्मेदारियां बढ़ने वाली है।नौकरी पाने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है।आकस्मिक खर्चे करने पड़ सकते हैं जिससे आपकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है।फिजूल खर्चो से थोड़ा सावधान रहें तथा किसी भी प्रकार के निवेश को थोड़े समय के लिए स्थगित करें.
9.धनु राशि:-
यह समय आपके आर्थिक स्थिति के लिए अनुकूल रहेगा तथा धन लाभ मिलने के पूरे आसार हैं।पारिवारिक जीवन में कुछ कठिनाइओं का सामना करना पड़ सकता है।व्यावसायिक रूप से गुरु का मकर राशि में गोचर फायदेमंद हो सकता है। परंतु आपको अपनी वाणी पर थोड़ा विराम करने की जरूरत पड़ेगी वरना आपका कोई बनता बनाया कार्य बिगड़ सकता है
10.मकर राशि:-
यह समय आपके लिए थोड़ा कठिनाइयों भरा रह सकता है तथा भौतिक सुखों में कमी आने के संकेत है।किसी भी काम करने में अतिआत्मविश्वास से बचें।निवेश करने के लिए अच्छा समय है। परंतु किसी भी प्रकार के लेन-देन को आप सोच समझ कर करें.
11.कुंभ राशि:-
समय आपके लिए आर्थिक स्थिति के लिए थोड़ा कठिनाइयों भरा रह सकता है तथा खर्चे बढ़ने की संभावना है।व्यावसायिक रूप से यह गोचर आपके लिए बहुत फलदायी नहीं कहा जा सकता है।आय के विभिन्न स्रोतों में इजाफा हो सकता हैतथा आय के कई साधन आपको प्राप्त हो सकते हैं तथा नौकरी पेशा लोगों के भी कार्यक्षेत्र में उन्नति के योग बनेंगे परंतु आपको मेहनत बहुत ज्यादा करनी पड़ सकती है
12.मीन राशि:-
यह समय आपके लिए अनुकूल रहेगा तथा अचानक कहीं से धनलाभ होने के संकेत हैं।यह समय आपके लिए श्रेष्ठ फलदाई रहेगा इसलिए बड़े से बड़ा कार्य आरंभ कर सकते हैं परंतु व्यापारिक दृष्टिकोण से व्यापारिक मामलों में कोई भी लेनदेन अभी कुछ समय के लिए डाल दें समय थोड़ा प्रतिकूल है.
गुरु के मंत्र तथा उपाय:-
1.बृहस्पति शांति ग्रह मंत्र-
देवानाम च ऋषिणाम च गुरुं कांचन सन्निभम। बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।। -ॐ बृं बृहस्पतये नमः।। -ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।।
2.बृहस्पति विनियोगा मंत्र:-
ॐ अस्य बृहस्पति नम: (शिरसि)
ॐ अनुष्टुप छन्दसे नम: (मुखे)
ॐ सुराचार्यो देवतायै नम: (हृदि)
ॐ बृं बीजाय नम: (गुहये)
ॐ शक्तये नम: (पादयो:)
ॐ विनियोगाय नम: (सर्वांगे)
3.करन्यास मंत्र:-
ॐ ब्रां- अंगुष्ठाभ्यां नम:।
ॐ ब्रीं- तर्जनीभ्यां नम:।
ॐ ब्रूं- मध्यमाभ्यां नम:।
ॐ ब्रैं- अनामिकाभ्यां नम:।
ॐ ब्रौं- कनिष्ठिकाभ्यां नम:।
ॐ ब्र:- करतल कर पृष्ठाभ्यां नम:।
4.करन्यास के बाद नीचे लिखे मंत्रों का उच्चारण करते हुए हृदयादिन्यास करें:-
ॐ ब्रां- हृदयाय नम:।
ॐ ब्रीं- शिरसे स्वाहा।
ॐ ब्रूं- शिखायैवषट्।
ॐ ब्रैं कवचाय् हुम।
ॐ ब्रौं- नेत्रत्रयाय वौषट्।
ॐ ब्र:- अस्त्राय फट्।
5.गुरु का ध्यान मंत्र:-
रत्नाष्टापद वस्त्र राशिममलं दक्षात्किरनतं करादासीनं,
विपणौकरं निदधतं रत्नदिराशौ परम्।
पीतालेपन पुष्प वस्त्र मखिलालंकारं सम्भूषितम्,
विद्यासागर पारगं सुरगुरुं वन्दे सुवर्णप्रभम्।।
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इसी जानकारी के साथ में आचार्य दयानन्द आज के अपने इस विषय को अभी विराम देता हूं.तथा कामना करता हूं .की आप सब लोगो को मेरी यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी। जय श्री कृष्णा दोस्तो…
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