Mangal Rashi Parivartan

Mangal rashi parivartan

ऊँ नमः शिवाय।

राधे राधे दोस्तो मैं आचार्य दयानन्द आप सभी लोगो का अपने इस ब्लॉग पर स्वागत करता हूं.ईश्वर से कामना करता हूं आप सब लोग खुश होंगे सुखी होंगे संपन्न होंगे…..

दोस्तों आज मैं मंगल की राशि परिवर्तन के विषय में आपको बताने जा रहा हूं क्योंकि मंगल को ग्रहों में ग्रहों का सेनापति भी कहा जाता है और क्योंकि मंगल एक क्षत्रिय ग्रह भी होता है इसीलिए मंगल का हमारे जीवन पर बहुत ही प्रमुख  प्रभाव पड़ता है मंगल के सकारात्मक अवस्था में होने से मनुष्य को कभी भी भूमि वाहन मकान से संबंधित दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है बल्कि मनुष्य में पराक्रम  तथा  साहस की वृद्धि होती है.

मंगल के परिवर्तन का समय:-

मंगल ग्रह का गोचर सिंह राशि से कन्या राशि में 6 सितंबर 2021 की सुबह 3:21 पर होगा तथा कन्या राशि में मंगल  22 सितंबर 2021 के दोपहर 1:13 तक गोचर करेंगे.

मंगल के परिवर्तन का हमारे जिंदगी पर प्रभाव:-

1.मंगल का परिवर्तन व्यापारियों के लिए अनुकूल रहेगा तथा नौकरीपेशा लोगों के लिए भी उन्नति का समय लेकर आ रहा है

2.मंगल का परिवर्तन नई शादीशुदा जोड़ों के लिए भी अनुकूल रहेगा तथा लंबे समय से रिश्ते के लिए चलती आ रही बातचीत को भी यह आगे के तरफ बढ़ाने का काम करेगा

3.मंगल का परिवर्तन पंचम भाव पर गोचर करने की वजह से संतान प्राप्ति के लिए प्लानिंग भी अच्छी रह सकती है.

4.शिक्षा वर्ग से जुड़े हुए छात्रों के लिए भी समय अनुकूल रहेगा प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्रों के लिए भी समय अनुकूल रहेगा थोड़ी मेहनत करने की जरूरत पड़ेगी पर सफलता मिल सकती है.

5.मंगल का परिवर्तन यह समय प्रेम प्रसंग के लिए थोड़ा सा कठिन रहेगा प्रेम विवाह से संबंधित कार्यों को थोड़े समय के लिए टाल दे.

6.मंगल का परिवर्तन थोड़ा खर्चा ले करके भी आ सकता है परंतु खर्च करने के लिए या आपके आर्थिक स्थिति को भी आपके पक्ष में रखने का काम कर सकता है.

मंगल का परिवर्तन 12 राशियों पर प्रभाव:-

1.मेष राशि:-

आप ऊर्जावान और उत्साही रहेंगे और आपके दिमाग में नए-नए विचार आ सकते है। पेशेवर जीवन की बात करें तो आप अपने क्षेत्र में सफलता और लाभदायक परिणाम प्राप्त करेंगे और आप अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने और वांछित परिणाम प्राप्त करने में सक्षम होंगे।परंतु आपको ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता पड़ेगी.

2.वृष राशि:-

इस राशि के पेशेवर लोगों को अपने कार्यस्थल पर टकराव का सामना करना पड़ सकता है, इसके साथ ही कुछ सहकर्मी आपकी पीठ के पीछे आपकी बुराईयां कर सकते हैं। इससे आपको थोड़ी चिढ़ भी महसूस हो सकती है क्योंकि आपको अपने प्रयासों में अनावश्यक रुकावटों का सामना भी करना पड़ सकता है।

3.मिथुन राशि:-

इस समय गोचर के दौरान आप अत्यधिक आक्रामकर महसूस कर सकते जिसके कारण परिवार के सदस्यों, मित्रों और सहकर्मियों के साथ आपके रिश्ते खराब हो सकते हैं। बच्चों के साथ आपका रिश्ता बहुत बेहतर नहीं होगा लेकिन इस दौरान आपको अपने जीवनसाथी का पूरा सहयोग प्राप्त होगा।

4.कर्क राशि:-

आप साहस और ऊर्जा से भरे रहेंगे और जीवन में आने वाली कठिन परिस्थितियों और चुनौतियों का खुलकर सामना करेंगे। आर्थिक रूप से यह अवधि आपके लिए अनुकूल रहेगी, अगर आप सोच-समझकर धन खर्च करते हैं तो समय और भी बेहतर हो सकता है। धन का लेन-देन करते समय सावधान रहें।

5.सिंह राशि:-

यह समय आपके लिए सामान्य रह सकता है तथा किसी भी प्रकार से कोई भी निवेश करने से आपको बचना  चाहिए तथा इस समय आपके आर्थिक स्थिति में भी थोड़े से उतार-चढ़ाव आ सकती है किसी भी प्रकार से आप फिजूलखर्ची से भी बचने की कोशिश करें तथा अपने जीवन साथी के साथ समय व्यतीत करने की भी कोशिश कर सकते हैं.

6.कन्या राशि:-

इस गोचर के दौरान आपके अंदर क्रोध की अधिकता हो सकती है जिसके कारण दोस्तों और करीबियों के साथ आपके संबंध खराब हो सकते हैं। आपको आंतरिक ऊर्जा का उपयोग सही तरह से करने की सलाह दी जाती है इसे बेवजह की चीजों पर खर्च न करें।तथा कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के आपके प्रयास में कुछ रुकावटें आ सकती हैं। आपको सलाह दी जाती है कि कोई भी निर्णय जल्दबाजी में न लें 

7.तुला राशि:-

इस अवधि के दौरान अनावश्यक खर्चे के कारण आर्थिक स्थिति कुछ खराब हो सकती है। पेशेवर जीवन में इस दौरान सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग आपको प्राप्त नहीं होगा, कार्यक्षेत्र में कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है और कुछ जातकों को अपमान का सामना भी करना पड़ सकता है।

8.वृश्चिक राशि:-

इस समय आपको मिश्रित परिणाम मिलेंगे। आर्थिक रूप से इस दौरान स्थिति अच्छी रहेगी, लेकिन बेहतर स्थिति के लिए आपको अभी भी कड़ी मेहनत करनी होगी ताकि आप अतिरिक्त आय का आनंद ले सकें।यह समय पदोन्नति के लिए बहुत अच्छा है, इसके साथ ही इस राशि के कारोबारियों के लिए भी यह समय अच्छा रहेगा, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए यह सबसे अच्छा समय है क्योंकि भाग्य आपका साथ देगा।

9.धनु राशि:-

आपकी ज़िम्मेदारियां बढ़ेगी और आपके काम में भी वृद्धि होगी। आपको इस समय काफी मेहनत भी करनी पड़ेगी। तथा आपको अपने प्रयासों में सफलता मिल सकती है, हालांकि आप अपनी उपलब्धियों से इस दौरान संतुष्ट नहीं होंगे। आपको अपने कार्यस्थल पर किसी ऐसे व्यक्ति से सतर्क रहना चाहिए जो आपके खिलाफ योजनाएं बना सकता है सेहत को लेकर के भी थोड़ा सतर्क रहने की आवश्यकता पड़ेगी.

10.मकर राशि:-

आपको अपनी कमाई के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। आपके खर्च अधिक हो सकते हैं जो आपकी चिंता का विषय हो सकता है। तथा अनावश्यक चीजों पर धन खर्च करने से बचें। आपके विरोधी और प्रतिद्वंदी भी इस दौरान आपकी चिंता का कारण बन सकते हैं कुछ सहयोगियों के गलत कार्यों के कारण आपको अपने कार्यस्थल पर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए सावधान रहें.

11.कुंभ राशि:-

आप अपने अंदर चिड़चिड़ापन महसूस कर सकते हैं और सही निर्णय लेने में भी आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी इस राशि के जातकों को हो सकती हैं भाग्य आपके निरंतर प्रयासों के बावजूद भी बहुत ज्यादा साथ नहीं देगा लेकिन धैर्य बनाए रखें अपनी मेहनत का फल आपको भविष्य में अवश्य मिलेगा।

12.मीन राशि:-

आपका गुस्सा भी आपके लिए समस्या का कारण बन सकता है। तथा आपको  अपने बॉडी पर थोड़ा नियंत्रण रखना चाहिए तथा किसी भी प्रकार से कोई भी  लोगों की कमियां निकालने से बचना चाहिए नहीं तो दिक्कत में फंस सकते हैं।आपको अपने जीवनसाथी के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने चाहिए और अपने जीवनसाथी के साथ झगड़ा करने से बचने की कोशिश करनी चाहिए।आपकी आर्थिक स्थिति थोड़ी बेहतर रहेगी परंतु आपको कार्यस्थल पर कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए आपको धैर्य रखने की आवश्यकता होगी।

मंगल ग्रह का मंत्र तथा उपाय:-

1. मंगल बीज मंत्र – ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।

2.मंगल ग्रह की शांति हेतु बीज मंत्र – ॐ हृं श्रीं भौमाय नमः।

3. जप मंत्र – ॐ भौं भौमाय नमः।… 

4.मंगल ग्रह का गायत्री मंत्र – ॐ अंगारकाय विहे शक्तिहस्ताय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात्।

5.मंगल ग्रह स्तोत्रम्:-

रक्ताम्बरो रक्तवपु: किरीटी, चतुर्मुखो मेघगदो गदाधृक ।

धरासुत: शक्तिधरश्च शूली, सदा मम स्याद वरद: प्रशान्त: ।।1।।

धरणीगर्भसंभूतं विद्युतेजसमप्रभम ।

 कुमारं शक्तिहस्तं च मंगलं प्रणमाम्यहम ।।2।।

ऋणहर्त्रे नमस्तुभ्यं दु:खदारिद्रनाशिने । 

नमामि द्योतमानाय सर्वकल्याणकारिणे ।।3।।

देवदानवगन्धर्वयक्षराक्षसपन्नगा: । 

सुखं यान्ति यतस्तस्मै नमो धरणि सूनवे ।।4।।

यो वक्रगतिमापन्नो नृणां विघ्नं प्रयच्छति ।

पूजित: सुखसौभाग्यं तस्मै क्ष्मासूनवे नम: ।।5।।

प्रसादं कुरु मे नाथ मंगलप्रद मंगल ।

मेषवाहन रुद्रात्मन पुत्रान देहि धनं यश: ।।6।।

 इति मन्त्रमहार्णवे मंगल स्तोत्रम

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इसी जानकारी के साथ में आचार्य दयानन्द आज के अपने इस विषय को अभी विराम देता हूं.तथा कामना करता हूं .की आप सब लोगो को मेरी यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी। जय श्री कृष्णा दोस्तो…

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