Shani ka Vakriya

ऊँ नमः शिवाय।
राधे राधे दोस्तो मैं आचार्य दयानन्द आप सभी लोगो का अपने इस ब्लॉग पर स्वागत करता हूं.ईश्वर से कामना करता हूं आप सब लोग खुश होंगे सुखी होंगे संपन्न होंगे…..

आज मैं आपको अपने इस ब्लॉग में शनि के वक्री स्थिति के विषय में बताने जा रहा हूं.

शनि ग्रह का महत्व:-

न्याय के देवता शनि के संबंध में मान्यता है कि यह अच्छे कर्म करने वालों को सकारात्मक और बुरे कर्मों या अवैध कार्यों में शामिल लोगों को नकारात्मक परिणाम देते हैं।

शनि ग्रह के वक्री होने का समय:-

दंडाधिकारी भगवान शनि 17 जून 2023 की रात्रि 10:52 मिनट पर वक्री हो रहे हैं। इसी वक्री अवस्था में ही चलते हुए ये 4 नवंबर 2023 को दोपहर 12:35 मिनट पर पुनः मार्गी होंगे।

वक्री शनि ग्रह का हमारे जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव:-

1.विवाह संबंधित कार्यों में आ रही अड़चनों से भी मुक्ति मिलेगी तथा रिश्ते के लिए चलती आ रही बातचीत आगे की तरफ बढ़ सकती है.

2.व्यवसायिक वर्ग के लोगों के लिए बहुत ही ज्यादा अनुकूल रहेगा व्यवसाय में उन्नति तथा आर्थिक स्थिति भी बढ़ोतरी के योग बन रहे हैं.

3.यह समय छात्रों के लिए बहुत ही अनुकूल रहेगा तथा छात्रों को विशेष रूप से उनके अध्ययन में सफलता प्राप्त होगी तथा प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले छात्रों के लिए भी समय अनुकूल रहेगा.

4.संतान प्राप्ति के लिए भी अनुकूल रहेगा तथा संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं भी दूर होंगी तथा संतान प्राप्ति के योग बन रहे हैं.

5.आर्थिक स्थिति के लिए समय अनुकूल रहेगा तथा धन संबंधित मामलों में आ रही अड़चनें दूर होंगी तथा अचानक धन प्राप्ति या रुके हुए धन प्राप्ति के भी योग बन रहे हैं.

6.प्रेम संबंधित मामलों के लिए अनुकूल रहेगा तथा प्रेमी जोड़ों को भी लाभ मिलेगा तथा अपनी पसंद की जीवनसाथी की प्राप्ति हो सकती है.

शनि ग्रह के वक्री से 12 राशियों पर प्रभाव:-

1.मेष राशि:-

नए लोगों से मेलजोल बढ़ेगा। उच्चाधिकारियों से संबंध मजबूत होंगे किंतु परिवार के वरिष्ठ सदस्यों तथा बड़े भाइयों से मत भिन्नता रहेगी। संतान संबंधी चिंता परेशान कर सकती है।

2.वृष राशि:-

माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहें। योजनाओं को गोपनीय रखते हुए कार्य करेंगे तो अधिक सफल रहेंगे। किसी कारणवश कार्य संपन्न होने में थोड़ा समय लगे तो परेशान न हों।

3.मिथुन राशि:-

छोटे भाइयों से मतभेद बढ़ने न दें। धार्मिक ट्रस्टों तथा अनाथालय आदि में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे और दान-पुण्य करेंगे। माता-पिता से रिश्ते बिगड़ने न दें। यात्रा देशाटन का लाभ मिलेगा।

4.कर्क राशि:-

स्वास्थ्य के प्रति अति सावधान रहने की आवश्यकता है। कार्यक्षेत्र में भी षड्यंत्र का शिकार होने से बचें। पैतृक संपत्ति संबंधी विवाद गहरा सकता है। किसी भी तरह के झगड़े-विवाद को कोर्ट कचहरी से बाहर ही सुलझा लेना समझदारी रहेगी।

5.सिंह राशि:-

ससुराल पक्ष से रिश्ते बिगड़ने न दें। साझा व्यापार करने से दूर रहें। केंद्र अथवा राज्य सरकार के विभागों में प्रतीक्षित कार्यों में थोड़ा और विलंब होगा। इस अवधि में आपके धैर्य और संयम की परम आवश्यकता है।

6.कन्या राशि:-

कोई भी बड़े से बड़ा कार्य आरंभ करना चाहें, नया व्यापार करना चाहें अथवा किसी नए अनुबंध पर हस्ताक्षर करना चाहें तो यह अवसर उत्तम रहेगा। ननिहाल पक्ष से किसी अप्रिय समाचार का सामना करना पड़ सकता है।

7.तुला राशि:-

कार्य व्यापार की दृष्टि से तो समय उत्तम रहेगा किंतु प्रेमसंबंधी मामलों में उदासीनता रहेगी। प्रेम विवाह में भी अड़चन आ सकती हैं। विद्यार्थियों एवं प्रतियोगिता में बैठने वाले छात्रों को परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए और प्रयास करने होंगे।

8.वृश्चिक राशि:-

जो कार्य सहजता से हो जाने चाहिए थे उसमें थोड़ा और संघर्स तथा विलंब होगा। यात्रा सावधानीपूर्वक करें। सामान चोरी होने से बचाएं। जमीन जायदाद से जुड़े मामले हल होंगे। माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहें।

9.धनु राशि:-

साहस पराक्रम की वृद्धि तो होगी ही लिए गए निर्णय और किए गए कार्यों की सराहना होगी। अपनी ऊर्जाशक्ति के बलपर कठिन परिस्थितियों पर भी आसानी से नियंत्रण पा लेंगे। आध्यात्मिक विकास होगा।

10.मकर राशि:-

व्यापारिक पक्ष मजबूत रहेगा किंतु कहीं न कहीं पारिवारिक कलह और मानसिक अशांति का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य विशेष करके दाहिनी आंख से संबंधित समस्या से सावधान रहें।

11.कुंभ राशि:-

अत्यधिक खर्च के कारण आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। वैवाहिक वार्ता में थोड़ा और समय रहेगा किंतु कार्य व्यापार की दृष्टि से समय अपेक्षाकृत बेहतर रहेगा। किसी भी तरह के सरकारी टेंडर के लिए आवेदन करना चाह रहे हों तो उस दृष्टि से भी ग्रह-गोचर अनुकूल रहेगा।

12.मीन राशि:-

हर कार्य तथा निर्णय बहुत सावधानी पूर्वक करने की आवश्यकता है। भावनाओं में बहकर लिया गया निर्णय नुकसानदेय सिद्ध होगा। यात्रा सावधानीपूर्वक करें। वाहन दुर्घटना से बचें।

शनि ग्रह के लिए मंत्र तथा उपाय:-

1.शनिदेव की कृपा के पात्र बनने के लिए ज़रुरतमंदों को काले चने, काले तिल, उड़द दाल और सवच्छ कपड़े सच्चे मन से दान करते रहना चाहिए.

2.यदि आपके जीवन में नौकरी, धन या व्यापार से जुड़ी समस्याएं चल रही है, तो आपको शनिवार को प्रातः स्नान करने के बाद शनि यंत्र की पूजा करनी चाहिए. इससे आपकी नौकरी और व्यापार से जुड़ी समस्याएं दूर होंगी और घर परिवार में समृद्धि आएगी.

3.-ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि मंत्रों का विशेष महत्त्व माना गया है. शनि मंत्रो का जाप करना अत्यंत लाभप्रद माना जाता है. अगर आपको भी व्यापार या नौकरी में परेशानी आ रही है तो इन मंत्रों का जप कर आप भी शनिदेव की कृपा के पात्र बन सकते हैं.

मंत्रः-  ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः 

मंत्रः- ॐ शं शनिश्चरायै नमः 

4.वैसे तो हमें सभी जानवरों को प्यार करना चाहिए, लेकिन यदि आप शनिदेव की कृपा के पात्र बनना चाहते हैं तो आपको श्वान मतलब कुत्तों की सेवा करनी चाहिए. जी हां, कुत्तों की सेवा और देखभाल करने वालों से शनिदेवता हमेशा प्रसन्न रहते हैं. कुत्तों को खाना देने और उनकी देखभाल करने वालों पर शनि देव कभी रुष्ट नहीं होते और ऐसे लोगों पर अपनी कृपा बनायें रखते हैं.

5.भगवान शंकर, शनिदेव के गुरु माने जाते हैं. इसलिए जो व्यक्ति भगवान शिव की आराधना करता है, शिवलिंग पर तिल डालकर जल चढ़ाता है, शनिदेव सदैव उसका ध्यान रखते हैं.

यदि आप सभी लोगों को मेरी या जानकारी पसंद आई हो तो हमें नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.

इसी जानकारी के साथ में आचार्य दयानन्द आज के अपने इस विषय को अभी विराम देता हूं.तथा कामना करता हूं .की आप सब लोगो को मेरी यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी। जय श्री कृष्णा…..

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