ऊँ नमः शिवाय।
राधे राधे दोस्तो मैं आचार्य दयानन्द आप सभी लोगो का अपने इस ब्लॉग पर स्वागत करता हूं.ईश्वर से कामना करता हूं आप सब लोग खुश होंगे सुखी होंगे संपन्न होंगे….
दोस्तों इस बार विजयदशमी शारदीय चैत्र नवरात्रि के दशमी के दिन 15 अक्टूबर 2021 को पड़ रहा है.
विजयदशमी का महत्व:-
दशहरा का महत्व:-
इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। लोग अलग-अलग तरह से दशहरा मनाते हैं। सनातन धर्म में प्राचीन समय से ही शस्त्र पूजन की परंपरा चली आ रही है। इस दिन लोग शस्त्र पूजन और वाहन पूजन भी करतें हैं। इसके अलावा कुछ लोग इस दिन नया कार्य भी आरंभ करते हैं, क्योंकि नए कार्य का आरंभ करने के लिए यह दिन बहुत शुभ माना जाता है।
विजयदशमी या दशहरे का शुभ मुहूर्त:-
अश्विन मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि आरंभ- 14 अक्टूबर 2021 को शाम 6 बजकर 52 से
अश्विन मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि समाप्त- 15 अक्टूबर 2021 शाम 06 बजकर 02 मिनट पर
पूजन का समय- 15 अक्टूबर दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजकर 48 मिनट तक..
पूजन विधि:-
इस दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि नित्य कर्म करने के तत्पश्चात परिवार के सभी सदस्यों को स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए।सबसे पहले सभी शस्त्रों को पूजा के लिए निकाल कर एकत्रित कर लें।अब सभी शस्त्रों पर गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें।
इसके बाद सभी शस्त्रों पर हल्दी या कुमकुम से तिलक करके पुष्प अर्पित करें।शस्त्र पूजन करते समय फूलों के साथ शमी के पत्ते भी अर्पित करें।
तथा अपने मनोवांछित फल की कामना भी करें.
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इसी जानकारी के साथ में आचार्य दयानन्द आज के अपने इस विषय को अभी विराम देता हूं.तथा कामना करता हूं .की आप सब लोगो को मेरी यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी। जय श्री कृष्णा…..
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