धनतेरस

धनतेरस

ऊँ नमः शिवाय।
राधे राधे दोस्तो मैं आचार्य दयानन्द आप सभी लोगो का अपने इस ब्लॉग पर स्वागत करता हूं.ईश्वर से कामना करता हूं आप सब लोग खुश होंगे सुखी होंगे संपन्न होंगे…..

दोस्तों आज मैं आपको इस ब्लॉग में धनतेरस (जिसे धनवंतरी जयंती भी कहा जाता है)के विषय में बताने जा रहा हूं जो कि दीपावली से पहले कृष्ण पक्ष के कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी को मनाया जाता है.

धनतेरस का महत्व:-

इस दिन माता लक्ष्मी तथा धनवंतरी तथा कुबेर जी की पूजा अर्चना करने का महत्व होता है तथा इस दिन मां लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना करने से धन में कभी भी कमी नहीं आती तथा घर धन से परिपूर्ण रहता है.

धनतेरस के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त:-

धनतेरस इस साल 2 नवंबर 2021 दिन मंगलवार को है.पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 6.18 मिनट से रात 8.11 मिनट तक रहेगा.

धनतेरस पूजन के लिए पूजा सामग्री:-

माता लक्ष्मी.धनवंतरी. श्री कुबेर जी की प्रतिमा या मूर्ति.एक मुखी दीपक.घी.सफेद मिठाई. पीली मिठाई.फल.पुष्प.इत्यादि….

धनतेरस के लिए पूजन विधि:-

इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान आदि नित्य कर्म करने के तत्पश्चात स्वच्छ कपड़े धारण करें तथा पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव करें तथा घर के मंदिर की साफ सफाई करें तथा घर के मंदिर में माता लक्ष्मी,धनवंतरी तथा कुबेर जी की प्रतिमा को स्थापित करें तत्पश्चात धनवंतरी जी को पीली मिठाई तथा कुबेर जी को सफेद मिठाई का भोग लगाएं तत्पश्चात पुष्प अर्पित करें.इस अंतराल में आपको भेजी के मंत्रों का जाप भी करते रहें ( “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” ).तथा माता लक्ष्मी जी के भी मंत्रों का जाप करते रहें.

धनवंतरी स्त्रोत्र:-

ॐ शङ्खं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः

सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमम्भोजनेत्रम ।

कालाम्भोदोज्ज्वलाङ्गं कटितटविलसच्चारूपीताम्बराढ्यम

वन्दे धन्वन्तरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम ॥ १॥

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वन्तरायेः

अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय्

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

श्रीधनवन्तरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः ॥ २॥

इति श्रीधन्वन्तरिस्तोत्रं (३) सम्पूर्णम् ।

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इसी जानकारी के साथ में आचार्य दयानन्द आज के अपने इस विषय को अभी विराम देता हूं.तथा कामना करता हूं .की आप सब लोगो को मेरी यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी। जय श्री कृष्णा…..

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