राधे राधे दोस्तो मैं आचार्य दयानन्द आप सभी लोगो का अपने इस ब्लॉग पर स्वागत करता हूं.ईश्वर से कामना करता हूं आप सब लोग खुश होंगे सुखी होंगे संपन्न होंगे…..
दोस्तों आज मैं आपको अपने इस ब्लॉग में सकट चौथ व्रत के विषय में बताने जा रहा हूं..
1.चौथ का महत्व: (सकट चौथ व्रत)
हिंदू धर्म ग्रंथो के अनुसार माघ मश के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को शक्ति चौथ कहा जाता है तथा ऐसा तिल चौथ आदि के नाम से भी जाना जाता है।
इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना की जाति है तथा इस दिन के पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाओ की पूर्ति होती है। तथा सभी प्रसार की संकट दूर हो जाती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
2.चौथ पूजा का समय:
माघ माह की चतुर्थी का समय 21.01.2022 के प्रातः 08:51 से 22.01.2022 के प्रथम 09:14 मिनट तक रहेगा।
चंद्रोदय के अनुसर यह व्रत 21.01.2022 के दिन रखा जाएगा।
तथा पूजा का मुहूर्त 21.01.2022 के दोपहर 12:11 से 12:54 मिनट तक रहेगा।
3.पूजा की सामग्री-
भगवान गणेश जी तथा माता लक्ष्मीजी की मूर्ति या प्रतिमा, गंगा जल, लाल वस्त्र, 21 दूर्वा गणेश जी को चढाने के लिए तिल से बने मिठाई फल, फूल, धूपबत्ती अगरबत्ती आदि।
4.पूजा की विधि:-
इस दिन शुभ ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान इत्यादि करने के बाद लाल वस्त्र पहनने तथा अपने घर के मंदिर की साफ सफाई करे तथा गंगा जल से छिडकाव करे। इस के बाद मंदिर में भगवान गणेश जी तथा माता लक्ष्मी जी की मूर्ति या प्रतिमा स्थापना करे तथा फल फूल चढाये तथा 21 दूर्वा गणेश जी को अर्पित करे तथा तिल से मिठाई चढाये और गहराबत्ती करते रहे। भगवान गणेश जी तथा माता लक्ष्मीजी की आरती करे के बाद ऐसे बाद उन्हें लगा गया भोग प्रसाद के रूप में लोगो को बंट दे।
5.पूजा के लिए मंत्र:
1. एकदंतय विधामहे वक्रतुंडय धिमहि तन्नो दंति प्रचोदयत।
2. वक्रतुंडय महाकाय सूर्य कोट्टी सम्प्रभा निर्विधानं कुरुमे देव सर्व कार्येशु सर्वदा।
3.ओम। गम गणपतये नमः।
4. सुमुखाय नमः।
5.ओम गणेश रिनंम छिंदनी वरेण्यम हूं नमः
6.ओम नम सिद्धि विनायकाय सर्व कार्या करतारे सर्व विघ्न प्रशम्नायसरवर्जन सर्वस्त्री पुरुष आकर्षनय श्रींग ओम स्वाहा।
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इसी जानकारी के साथ में आचार्य दयानन्द आज के अपने इस विषय को अभी विराम देता हूं.तथा कामना करता हूं .की आप सब लोगो को मेरी यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी। जय श्री कृष्णा…..
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